क्या मैं कभी भी म्यूच्यूअल फण्ड से पैसा निकाल सकता हूँ?
SIP यानि सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान,म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करने का सबसे आसान और सरल तरीका माना जाता है जिसमे सिस्टेमेटिक तरीके से हर महीने म्यूच्यूअल फण्ड स्कीम में जमा होते रहते है। सिप के जरिये म्यूच्यूअल फण्ड में निवेशित राशि लम्बे अवधी में एक बड़ी राशि इक्कठा करने में सहायक होती है। म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश एक ओपन एंडेड निवेश होता है मतलब आप जब चाहे पैसे निवेश कर सकते है और जब चाहे पैसे निकाल सकते है, कुछ म्यूच्यूअल फंड्स जैसे ELSS ऎसे फंड्स होते है जिनकी लॉक इन पीरियड होती है यानि ३ साल के पहले आप इसमें से अपने पैसे को नहीं निकाल सकते है।
अगर आप म्यूच्यूअल फण्ड से पैसे निकले की सोच रहे है तो आपको कुछ बातो को ध्यान में रखकर ये कदम उठाना चाइये तो आइए जानते की कौन-कौन सी बातों को आपको ध्यान में रखना है।
लॉक इन पीरियड
कुछ म्यूच्यूअल फण्ड ऎसे होते है जिनमे निवेश की गई राशि को निकालने के लिए एक समय सीमा निर्धारित होती है आप इस निर्धारित समय से पहले पैसे नहीं निकाल सकते है जैसे ELSS म्यूच्यूअल फण्ड इसमें ३ साल का लॉक इन पीरियड होता है अगर आप इससे पैसे निकालना चाह रहे है तो आपको ३ साल का इंतजार करना पड़ेगा।
निर्धारित लक्ष्य की प्राप्ति
क्या आपने अपने लक्ष्य को पूरा कर लिया है? इस सवाल का जवाब आपको खुद देना पड़ेगा की म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करते वक्त आपने कोई न कोई लक्ष्य जरूर निर्धारित की होगी तो क्या ये लक्ष्य आपक पूरा हो गया। अगर नहीं तो आप अपने लक्ष्य तक पहुँचने का इंतजार अवश्य करे और यह बहुत ही महत्वपूर्ण हो जाता है जब आप म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करते है।
सामान्यतः म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए ही जाना जाता है अगर आपका लक्ष्य पूरा हो जाता है तो आप अपने पैसे की निकाशी कर सकते है और अगर आप चाहते है की आपका लक्ष्य पूरा होने के बाद भी आप निवेश को आगे बढ़ाना तो यह मेरे ख्याल से उचित नहीं है क्योकि हो सकता है की आने वाले समय में आपको गिरावट का सामना करना पड़े तो बेहतर यही है की जैसे ही आपका लक्ष्य पूरा हो जाये आप तुरंत अपने निवेशित राशि का निकास कर ले।
एग्जिट लोड का भुगतान
अगर आप १ साल से पहले म्यूच्यूअल फण्ड से पैसे निकलते है तो आपको एग्जिट लोड कटेगा जो की सामान्यतः १% का होता है। एग्जिट लोड का मुख्य उद्देश्य यह होता है की बार बार निवेशित राशि को निकालने से रोकना होता है। यही अगर आप १ साल के बाद अपने राशि को निकलते है तो आपको एग्जिट लोड का भुगतान नहीं करना पड़ेगा। एग्जिट लोड हर म्यूच्यूअल फण्ड स्कीम की पहले से ही निर्धारित होती है इसलिए निवेश करने से पहले इसे एक बार जरूर चेक कर ले।
टैक्स का भुगतान
म्यूच्यूअल फंड्स से यदि आप १ साल से पहले पैसे निकलते है तो आप यह जरूर जाँच ले की आपको कितना टैक्स चुकाना पर सकता है, आप अपने फाइनेंसियल एडवाइजर से इस बारे में जरूर विचार विमर्श कर ले। १ साल से पहले इक्विटी म्यूच्यूअल फंड्स से पैसे निकालने पर शार्ट टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स लगता है और यदि आप डेब्ट म्यूच्यूअल फण्ड ३ साल से पहले निकलते है तो भी इस पर शार्ट टर्म कैपिटल गेन्स लगता है।
म्यूच्यूअल फण्ड निकासी के प्रकार
म्यूच्यूअल फण्ड में २ प्रकार से निवेशित राशि की निकासी की जाती है।
- Partial Withdraw : Partial Withdraw में भी आपको २ ऑप्शन मिलते है पहला अमाउंट के द्वारा और दूसरा यूनिट्स के द्वारा विथड्रॉ। मान लीजिये आपके म्यूच्यूअल फण्ड स्कीम की करंट वैल्यू 10000 है और एक यूनिट का NAV 10 रूपए है तो आपके पास कुल 1000 यूनिट्स होंगे। यदि आप 5000 रूपए की निकासी करना चाहते है तो आपको अमाउंट ऑप्शन चुनना होगा और 5000 रूपए डालने होंगे लेकिन यदि आपको 500 यूनिट्स निकालना है तो यूनिट्स का ऑप्शन चुनना पड़ेगा और 500 यूनिट्स डालने होंगे।
- Full Withdraw : यदि आप चाहते है की म्यूच्यूअल फण्ड स्कीम से पूरा पैसा निकल ले तो आप फुल विथड्रॉ का इस्तेमाल कर सकते है।
सारांश
म्यूच्यूअल फंड्स से आप कभी भी पैसे निकल सकते है लेकिन कुछ म्यूच्यूअल फंड्स ऐसे होते है जिनकी लॉक इन पीरियड होती है और निर्धारित पीरियड से पहले आप अपने पैसे को नहीं निकाल सकते है जैसे ELSS, रिटायरमेंट म्यूच्यूअल फंड्स।
म्यूच्यूअल फंड्स से पैसे निकालने से पहले आपको कुछ बातो को ध्यान में रखकर ही निकालना चाहिए जैसे आप १ साल से पहले तो नहीं निकाल रहे है और अगर निकाल भी रहे है तो आपको कितना एक्सिस्ट लोड का भुगतान करना पर सकता है, क्या आपने अपने लक्ष्य को पूरा कर लिया है.आपको टैक्स का कितना भुगतान करना पर सकता है। देखिये म्यूच्यूअल फण्ड जो है वो लम्बी अवधी के लिए जाना जाता है आप जितना लम्बे समय तक बने रहेंगे उतना ही आपको फायदा होगा इसलिए म्यूच्यूअल फण्ड से पैसे की निकासी बहुत ही सोच समझ कर ही निकाले इसके परिपक्व होने तक का इंतजार करे और फिर निकाले।